Investment Tips: आज के समय में जब हर चीज़ की कीमत आसमान छू रही है, तब 30 हजार रुपये की सैलरी में महीने का खर्च निकालना किसी चुनौती से कम नहीं है। खाने-पीने से लेकर बिजली-पानी, ट्रांसपोर्ट और हेल्थ का खर्च दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, जिससे आखिर के दिनों में जेब खाली हो जाती है। अगर आप भी ऐसी ही स्थिति से दो-चार हो रहे हैं और सोचते हैं कि इतने कम पैसे में कैसे गुज़ारा हो, तो ये तरीका आपके बहुत काम आने वाला है। थोड़ा सा समझदारी से बजट बनाकर और थोड़ी सी स्मार्ट इन्वेस्टमेंट करके आप अपनी सैलरी को इस तरह मैनेज कर सकते हैं कि महीने के आखिरी दिन भी बिना किसी परेशानी के कट जाएं।
30 हजार की सैलरी में ऐसे करें खर्चों का संतुलन
अगर आपकी मासिक कमाई ₹30,000 है, तो सबसे पहले आपको ये समझना होगा कि कौन-से खर्च ज़रूरी हैं और कौन-से थोड़े बहुत रोके जा सकते हैं। इस स्थिति में सबसे पहले सैलरी का 50 प्रतिशत हिस्सा यानी ₹15,000 अपने ज़रूरी खर्चों के लिए अलग कर लें। इसमें शामिल होंगे – घर का किराया, राशन, बिजली-पानी का बिल और ट्रांसपोर्ट व हेल्थ से जुड़ी ज़रूरतें। इन चीजों की गिनती बेसिक खर्चों में होती है, जिन्हें नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता।
उदाहरण के लिए, अगर आप किराए के घर में रहते हैं तो 6,000 रुपये का किराया सामान्य है। राशन और अन्य घर के खर्चों पर करीब 5,000 रुपये लग सकते हैं। बिजली और पानी के बिल में लगभग 2,000 रुपये लगते हैं, वहीं ट्रांसपोर्ट और हेल्थ से जुड़े खर्चों के लिए भी 2,000 रुपये अलग से निकाल लें। इस तरीके से आपके जरूरी खर्च 15,000 रुपये में आसानी से मैनेज हो जाएंगे और आपका आधा बजट यहां समझदारी से खर्च हो जाएगा।
बचत और निवेश को न करें नजरअंदाज
अब बात आती है आपकी सैलरी के बाकी बचे हिस्से की। जब जरूरी खर्च पूरे हो गए हैं तो जो पैसे बचे हैं उन्हें न फालतू खर्चों में उड़ाएं और न ही सिर्फ सेविंग अकाउंट में पड़ा रहने दें। कम सैलरी में भी निवेश करना उतना ही जरूरी है जितना बड़ी सैलरी वालों के लिए होता है। आप अपनी सैलरी का कम से कम 20 प्रतिशत यानी ₹6,000 निवेश के लिए अलग करें। ये निवेश आपकी भविष्य की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है।
आप चाहें तो SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के जरिए हर महीने एक छोटी राशि म्यूचुअल फंड्स में डाल सकते हैं, या फिर FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) में एक निश्चित अमाउंट फिक्स कर सकते हैं। इन योजनाओं में नियमित निवेश से धीरे-धीरे एक अच्छी रकम जमा हो जाएगी, जो आगे चलकर आपकी बड़ी जरूरतों में काम आ सकती है।
आपातकालीन फंड और बीमा भी हैं जरूरी, नजरअंदाज न करें
बचत और निवेश के बाद अब बात आती है उन खर्चों की जो अचानक आ जाते हैं, जैसे मेडिकल इमरजेंसी, नौकरी जाने का खतरा या कोई पारिवारिक संकट। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने हर महीने की कमाई में से ₹1,000 आपातकालीन फंड के लिए अलग रखें। ये पैसा किसी अलग अकाउंट या कैश के रूप में रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत काम आ सके।
साथ ही ₹1,000 रुपये इंश्योरेंस के लिए जरूर रखें। चाहे वो हेल्थ इंश्योरेंस हो या टर्म प्लान, थोड़ी-थोड़ी रकम जमा करने से आप बड़ी परेशानी से बच सकते हैं। बीमा होने से मेडिकल खर्च अचानक आपके बजट को नहीं बिगाड़ेगा।
ईएमआई और अन्य खर्चों के लिए भी रखें प्लान
अगर आपने किसी लोन की किस्त या EMI ली हुई है, तो उसे भी इस प्लान में शामिल करें। ₹3,000 रुपये इस मद में रखे जा सकते हैं, जिससे आपका क्रेडिट स्कोर भी अच्छा बना रहेगा और समय पर भुगतान करने से पेनल्टी भी नहीं लगेगी।
बाकी बचे ₹4,000 रुपये को अपने अन्य खर्चों जैसे मनोरंजन, दोस्तों के साथ बाहर जाना, बच्चों की पढ़ाई या कपड़ों आदि के लिए इस्तेमाल करें। इस फंड से आप अपने शौक भी पूरे कर पाएंगे और संतुलन भी बना रहेगा।
कम सैलरी में भी बेहतर जिंदगी
अगर आप इन छोटे-छोटे उपायों को अपनाते हैं तो ₹30,000 की सैलरी में भी न केवल आपका महीना अच्छे से निकलेगा बल्कि आप भविष्य के लिए सेविंग और निवेश भी कर पाएंगे। जरूरत है बस थोड़ी सी प्लानिंग और अपने खर्चों की समझदारी से मैनेजमेंट करने की। याद रखें – सही दिशा में उठाया गया छोटा कदम भी आगे जाकर बड़ी राहत बन सकता है। इसलिए आज से ही अपने पैसों का सही इस्तेमाल करना शुरू करें और भविष्य को सुरक्षित बनाएं।