मारुति eVitara News

मारुति ने घटाया eVitara का टारगेट, 26,500 से सीधे 8,200 यूनिट, सामने आई असली वजह

मारुति eVitara: जब भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बात होती है, तो मारुति सुजुकी का नाम चर्चा में जरूर आता है। खासतौर पर eVitara को लेकर जिस तरह से मार्केट में उत्साह दिखाया गया था, उससे उम्मीद थी कि यह गाड़ी EV सेगमेंट में क्रांति ला देगी। लेकिन अब खबर आ रही है कि Maruti Suzuki ने अपने फ्लैगशिप इलेक्ट्रिक SUV eVitara का प्रोडक्शन टारगेट घटा दिया है, और वो भी बहुत बड़े अंतर से।

पहले जहां कंपनी इस मॉडल के 26,500 यूनिट्स बनाने की योजना में थी, अब यह संख्या घटाकर सिर्फ 8,200 यूनिट्स कर दी गई है। यह बदलाव क्यों किया गया, इसके पीछे क्या कारण हैं, और इसका असर ग्राहकों और मार्केट पर क्या होगा, चलिए विस्तार से जानते हैं।

डिमांड के अनुमान में आई कमी

 

मारुति ने शुरुआत में eVitara को लेकर जो आंतरिक अनुमान लगाए थे, उनमें EV सेगमेंट की तेजी और ग्राहकों की उत्सुकता को ध्यान में रखा गया था। लेकिन बाजार में जैसे-जैसे आंकड़े सामने आए, कंपनी को यह महसूस हुआ कि ग्राहकों की EV को लेकर सोच अभी भी थोड़ी धीमी है।

ग्राहक EV को लेकर सवाल तो पूछते हैं लेकिन खरीद के फैसले तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसके पीछे बैटरी की रेंज, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और सर्विस नेटवर्क जैसी समस्याएं सामने आई हैं। इन्हीं कारणों से eVitara की डिमांड कंपनी की उम्मीदों के मुताबिक नहीं बढ़ पाई।

इन्फ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई चेन की चुनौती

eVitara की प्रोडक्शन कटौती के पीछे एक बड़ा कारण सप्लाई चेन और मैन्युफैक्चरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी चुनौतियां भी हैं। EV गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाली बैटरियां, मोटर और इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट जैसी चीजें अभी भी भारत में पूरी तरह से नहीं बनतीं।

 

कंपनी को इन चीजों के लिए आयात पर निर्भर रहना पड़ता है, जो महंगे भी होते हैं और समय पर मिलना भी मुश्किल होता है। चीन से आयात में देरी और कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव ने मारुति को मजबूर किया कि वो प्रोडक्शन टारगेट को यथार्थपरक बनाए।

कंपनी की रणनीति में बदलाव

मारुति सुजुकी के उच्च अधिकारियों का कहना है कि कंपनी जल्दबाजी में EV सेगमेंट में उतरने की जगह धीरे और समझदारी से आगे बढ़ना चाहती है। पहले यह देखा जाएगा कि eVitara की बिक्री किस तरह की प्रतिक्रिया देती है, फिर अगले बैच की प्लानिंग की जाएगी।

इस रणनीति का मकसद है रिस्क को कम करना और बाजार की स्थिति को परखना। कंपनी यह भी चाहती है कि जब ग्राहक पूरी तरह से EV के लिए तैयार हों, तभी बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू किया जाए।

बाजार पर असर और ग्राहकों की सोच

प्रोडक्शन कटौती की खबर का एक असर यह भी हो सकता है कि जो ग्राहक eVitara का इंतजार कर रहे थे, उन्हें अब थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है। कम यूनिट्स बनने की वजह से वेटिंग पीरियड बढ़ेगा और कीमतों पर भी असर पड़ सकता है।

 

वहीं दूसरी ओर, कुछ ग्राहक इस खबर से निराश भी हो सकते हैं क्योंकि इससे उन्हें लगेगा कि शायद कंपनी को अपने प्रोडक्ट पर पूरा भरोसा नहीं है। हालांकि मारुति की छवि और भरोसे को देखते हुए यह प्रभाव ज्यादा गहरा नहीं होगा।

EV मार्केट की भविष्य की दिशा

भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का भविष्य उज्ज्वल है, लेकिन अभी इसमें समय लगेगा। सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी, चार्जिंग स्टेशनों की बढ़ती संख्या और लोगों की सोच में बदलाव इस दिशा में इशारा कर रहे हैं कि EV धीरे-धीरे पकड़ बना रहे हैं।

मारुति की रणनीति भी इसी दिशा में है कि वो जल्दबाजी न करे और जब समय सही हो तभी पूरे पैमाने पर उत्पादन और लॉन्चिंग की ओर बढ़े। कंपनी ने यह भी साफ किया है कि eVitara सिर्फ शुरुआत है, आगे और कई EV मॉडल्स लाए जाएंगे।

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