Maruti Suzuki: भारत की सबसे बड़ी कर निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने एक बार फिर से ऐसा काम किया है, जुरासिक व्यापार के लिहाज से शानदार है, कि देश की पर्यावरण नीति और लॉजिस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बिंबिसार बन गया है। FY 2024-25 कंपनी ने 5 लाख से भी ज्यादा गाड़ियां रेल के जरिए देश के अलग अलग हिस्सों में भेजी।
यह पहली बार है जब किसी ऑटोमोबाइल कंपनी ने एक ही वित्तीय वर्ष में इतना बड़ा रेल ट्रांसपोर्ट रिकॉर्ड बनाया है। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे देश की बड़ी कंपनियां पर्यावरण के साथ तालमेल बिठाकर आगे बढ़ाने की सोच रखती है।
कंपनी का लॉजिस्टिक मॉडल और नया इंफ्रास्ट्रक्चर
मारुति सुजुकी ने भारत के अलग अलग हिस्सों में रेल से गाड़ियां भेजने के लिए 20 से अधिक टर्मिनल यार तैयार किए हैं। इन जगहों पर गाड़ियों की लोडिंग और अनलोडिंग होती है, और उनकी कनेक्टिविटी सीधे रेलवे नेटवर्क से जुड़ी हुई है।
कंपनी ने इंडियन रेलवे के साथ मिलकर AFTO (Automobile Fright Train Operator) योजना के तहत इस काम को अंजाम दिया है। इस योजना के तहत कंपनियों को खुद की डिजाइनिंग की हुई रेलवे वैगंस इस्तेमाल करने की इजाजत मिली है, जो गाड़ियों की ढुलाई के लिए बिल्कुल उपयुक्त होती है।
पर्यावरण को हुआ कितना फायदा
गाड़ियों को ट्रैकों की भेजना सिर्फ सस्ता और तेज नहीं है, बल्कि यह ग्रीन और क्लीन इनिशिएटिव का भी हिस्सा है। इस कंपनी के मुताबिक, रेलवे के द्वारा गाड़ियां भेजने से इस साल करीब 25,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को रोका गया है।
अगर यही गाड़ियां ट्रैकों से भेजी जाती, तो इसके लिए हजारों लीटर डीजल की आवश्यकता होती और नतीजे में वायु प्रदूषण भी बढ़ता। इस तरह कंपनी ने एक जिम्मेदार कोऑपरेटिव की भूमिका निभाई है और देश की पर्यावरण नीति के साथ कदम से कम मिलाया है।
कस्टमर डिलीवरी में सुधार और समय की बचत
इस बदलाव का मुख्य फायदा सिर्फ कंपनी को नहीं, बल्कि ग्राहक को फीमेल रहा है। पहले जब गाड़ियां ट्रैकों से भेजी जाती थी, तो डीलरशिप तक पहुंचने में समय लगता था और कई बार ग्राहक को अपनी गाड़ियों के लिए वेटिंग करना पड़ता था।
लेकिन अब जब गाड़ियां रेल से सीधे डीलरशिप तक पहुंच रही है, तो डिलीवरी तेज हो गई है। इससे ग्राहकों को गाड़ियां समय पर मिल रही है और डीलर को भी स्टॉक मेंटेन करने में आसानी हो गई है।
आने वाले सालों की योजना क्या है
मारुति सुजुकी ने यह साफ किया है कि वह आने वाले रेल से गाड़ियों की डिलीवरी को और बढ़ावा देने की योजना बना रहे हैं। कंपनी का लक्ष्य यही है कि 2026 तक हर साल करीब 7 लाख गाड़ियां सिर्फ रेलवे के जरिए भेजी जाए।
इसके लिए रेलवे के साथ मिलकर और नए टर्मिनल बनाए जा रहे हैं और मौजूदा टर्मिनल लोकेशन क्षमता भी बढ़ाई जा रही है। कंपनी चाहती है कि लॉजिस्टिक्स और भी ज्यादा स्मार्ट और सुरक्षित बनाया जाए ताकि इसका फायदा कंपनी को भी लंबे समय तक हो।