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Health News India: मोदी सरकार इलाज और दवा को आम आदमी की पहुंच में लाने के लिए कर रही है काम

Health News India: देश की गरीब और मध्यम वर्ग की आबादी के लिए सबसे बड़ी चिंता हमेशा इलाज और दवा की महंगाई रही है। कई बार परिवारों को इलाज के खर्च में कर्ज में डूबना पड़ता था। लेकिन मोदी सरकार ने इस समस्या को जड़ से समझा और पिछले कुछ वर्षों में ऐसी योजनाएं शुरू कीं जिनसे न केवल इलाज मुफ्त हो गया बल्कि जरूरी दवाएं भी सस्ती कीमत पर मिलने लगीं। आज भारत के हर शहर, कस्बे और गांव में ये बदलाव महसूस किया जा सकता है। सरकारी अस्पतालों में भीड़ ज़रूर बढ़ी है, लेकिन लोग इलाज और दवा के लिए अब लाचार नहीं दिखते।

जनऔषधि योजना से बदली तस्वीर

सरकार ने साल 2015 में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना को एक नए रूप में शुरू किया था, जिसका मकसद आम लोगों को गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराना था। पहले जहां दवा की कीमत निजी कंपनियों के अनुसार तय होती थी, वहीं अब वही दवाएं जनऔषधि केंद्रों पर 50% से 90% तक सस्ती मिल रही हैं।

 

आज देशभर में 10,000 से ज्यादा जनऔषधि केंद्र खुल चुके हैं, जहां हृदय रोग, शुगर, ब्लड प्रेशर, कैंसर और महिलाओं से जुड़ी बीमारियों की दवाएं भी कम दाम में मिल रही हैं। इससे लाखों लोगों को राहत मिली है और उनका मासिक दवा खर्च अब आधा या उससे भी कम हो गया है।

आयुष्मान भारत योजना ने इलाज को बनाया मुफ्त

सरकार की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) ने देश के गरीब तबके को इलाज में वो सहूलियत दी है जो पहले सिर्फ अमीरों को मिलती थी। इस योजना के तहत हर पात्र परिवार को सालाना ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज मिल सकता है।

देशभर के 25,000 से ज्यादा अस्पतालों को इस योजना से जोड़ा गया है, जिसमें सरकारी और निजी दोनों शामिल हैं। अब गांव का मजदूर हो या शहर का रिक्शा चालक, अगर उसके पास आयुष्मान कार्ड है तो वह बड़े से बड़े अस्पताल में भी फ्री इलाज करवा सकता है। इस योजना ने मेडिकल खर्च से जुड़े डर को बहुत हद तक खत्म कर दिया है।

 

स्वास्थ्य केंद्रों को गांव तक पहुंचाया गया

मुफ्त इलाज और सस्ती दवा के साथ-साथ मोदी सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (HWC) को भी गांव-गांव तक पहुंचाने का काम किया है। पहले गांवों में कोई बीमार हो जाए तो शहर दौड़ना पड़ता था, लेकिन अब यही सुविधा 10–15 किलोमीटर के दायरे में मिलने लगी है।

सरकार ने एक योजना के तहत 1.5 लाख से अधिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाने का लक्ष्य रखा है, जिनमें से ज़्यादातर चालू भी हो चुके हैं। इन केंद्रों पर डॉक्टर, नर्स, दवा और जांच की सुविधा मुफ्त दी जाती है। इससे ना सिर्फ इलाज आसान हुआ है बल्कि समय पर बीमारी पकड़ में आ जाती है, जिससे जान बचाना संभव हो पाता है।

महिलाओं और बच्चों को मिली खास राहत

 

स्वास्थ्य के क्षेत्र में मोदी सरकार ने महिलाओं और बच्चों पर विशेष ध्यान दिया है। गर्भवती महिलाओं के लिए मुफ्त जांच, पोषण योजना, जननी सुरक्षा योजना और अस्पताल में मुफ्त प्रसव जैसी सुविधाएं अब आम हो चुकी हैं। साथ ही बच्चों के टीकाकरण को भी मिशन मोड में चलाया गया है।

‘मिशन इंद्रधनुष’ जैसी योजनाओं के जरिए देश के करोड़ों बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने का काम हुआ है। पहले जिन बीमारियों का इलाज खर्चीला माना जाता था, अब वह सरकार के सहयोग से मुफ्त या सस्ती दरों में मिल रहा है।

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