Naxalites Encounter

Naxalites Encounter: अबूझमाड़ में DRG जवानों का बड़ा एक्शन, 28 नक्सली ढेर; बड़े लीडर्स को घेरा; एक जवान बलिदान

Naxalites Encounter: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों द्वारा लगातार दबाव बनाया जा रहा है और इसी कड़ी में अबूझमाड़ के घने जंगलों में एक बड़ा ऑपरेशन अंजाम दिया गया है। इस ऑपरेशन को नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों की डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) की संयुक्त टीम ने अंजाम दिया। बुधवार की सुबह से ही इलाके में भारी गोलीबारी हो रही थी, जो नक्सलियों और सुरक्षाबलों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ में बदल गई। इस कार्रवाई में 28 से ज्यादा नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। कई नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं और बड़ी मात्रा में हथियार भी जब्त किए गए हैं।

मुठभेड़ में एक जवान ने दी शहादत, एक घायल

इस पूरे ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों को भारी सफलता तो मिली है लेकिन इस दौरान एक डीआरजी जवान ने अपनी जान भी गंवा दी। एक अन्य जवान घायल हुआ है जिसे इलाज के लिए सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। जवानों ने जान की परवाह किए बिना दुर्गम जंगलों में घुसे नक्सलियों को चारों ओर से घेर लिया और पूरी योजना के तहत ऑपरेशन को अंजाम दिया। नक्सलियों की ओर से भारी गोलीबारी की गई, लेकिन डीआरजी के जवानों ने मोर्चा संभालते हुए नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

 

1 करोड़ का इनामी नक्सली बसव राजू भी ढेर

मुठभेड़ में सबसे बड़ी कामयाबी यह रही कि एक करोड़ रुपये का इनामी शीर्ष नक्सली नेता बसव राजू भी मारा गया है। बसव राजू कई सालों से सुरक्षा बलों के लिए सिरदर्द बना हुआ था और नक्सल संगठन के बड़े रणनीतिक नेताओं में से एक माना जाता था। उसके मारे जाने से नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है। इसके अलावा कुछ अन्य बड़े नक्सली कमांडरों के भी मारे जाने की पुष्टि हुई है, जिनकी पहचान की जा रही है।

अबूझमाड़ के नक्सली गढ़ में बड़ी सफलता

अबूझमाड़ का इलाका नक्सलियों का मजबूत गढ़ माना जाता है। घने जंगल, पहाड़ी इलाका और सीमित पहुंच के कारण यह क्षेत्र लंबे समय से नक्सल गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है। यहां सुरक्षा बलों के लिए ऑपरेशन चलाना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। लेकिन इस बार सुरक्षाबलों ने बेहतरीन रणनीति के साथ इस ऑपरेशन को अंजाम दिया और नक्सलियों को चारों तरफ से घेरकर उन्हें मौके पर ही ढेर कर दिया। यह कार्रवाई नक्सली नेटवर्क के लिए बहुत बड़ा झटका मानी जा रही है।

नक्सल हिंसा पर लगाम की उम्मीद

 

इस सफलता से यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में अबूझमाड़ और आस-पास के इलाकों में नक्सली गतिविधियों पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। लंबे समय से इन क्षेत्रों में नक्सलियों का डर बना हुआ था, लेकिन अब सुरक्षाबलों की मजबूती और लगातार हो रही कार्रवाइयों से माहौल बदल रहा है। लोग अब पहले से ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और सरकार की योजनाएं भी धीरे-धीरे इन इलाकों तक पहुंच रही हैं।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने दी बधाई

छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस सफल ऑपरेशन के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन बहुत ही महत्वपूर्ण था और इसमें पुलिस ने साहस और रणनीति का बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उन्होंने यह भी बताया कि इस अभियान में सिर्फ एक पुलिसकर्मी घायल हुआ है और किसी आम नागरिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और ऑपरेशन की कमान संभाल रहे विजय शर्मा की टीम को भी बधाई दी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी जवानों की तारीफ की

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि राज्य में नक्सल मोर्चे पर लगातार कामयाबी मिल रही है। उन्होंने जानकारी दी कि इस ऑपरेशन में अब तक 27 से ज्यादा नक्सली मारे गए हैं और यह पूरे क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी राहत की खबर है। उन्होंने सुरक्षाबलों के साहस और समर्पण को सलाम किया और कहा कि सरकार और पुलिस मिलकर राज्य को नक्सलमुक्त बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रही हैं।

 

सुरक्षाबलों का मनोबल बढ़ा, नक्सलियों में खौफ

इस ऑपरेशन के बाद से सुरक्षाबलों का मनोबल काफी बढ़ गया है। अबूझमाड़ जैसे दुर्गम और जोखिम भरे इलाके में इतनी बड़ी सफलता हासिल करना आसान नहीं था। लेकिन डीआरजी जवानों की सूझबूझ और बहादुरी ने यह संभव कर दिखाया। दूसरी ओर, नक्सली संगठन में अब भय का माहौल है। उनके कई बड़े नेता मारे जा चुके हैं और संगठन की कमर टूटती नजर आ रही है। आने वाले समय में और भी बड़ी कार्रवाइयों की उम्मीद की जा रही है।

अबूझमाड़ के जंगलों में हुई यह मुठभेड़ न सिर्फ सुरक्षाबलों की बड़ी जीत है, बल्कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ भी है। एक ओर जहां जवानों की शहादत को देश हमेशा याद रखेगा, वहीं दूसरी ओर यह सफलता आने वाले समय में राज्य को शांति और विकास की दिशा में आगे बढ़ाने का रास्ता साफ करेगी। सरकार और सुरक्षा बलों का यह संयुक्त प्रयास अब राज्य को नक्सल आतंक से पूरी तरह मुक्ति दिलाने के और करीब पहुंच गया है।

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