Property Possession

Property Possession: पड़ोसी ने मकान की खिड़की आपके प्लॉट में निकाल दी तो क्या इसे माना जाएगा कब्जा, जानिये कानूनी प्रावधान

Property Possession: शहर हो या गांव, जमीन और मकान को लेकर झगड़े कोई नई बात नहीं हैं। कभी दीवार को लेकर विवाद होता है, तो कभी रास्ते को लेकर। लेकिन आजकल एक नया और तेजी से बढ़ता हुआ झगड़ा सामने आ रहा है – जब कोई पड़ोसी अपने मकान की खिड़की आपकी जमीन की ओर खोल देता है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इसे अवैध कब्जा माना जाएगा? क्या यह आपकी प्रॉपर्टी में दखल है? और इससे निपटने के लिए कानून में क्या प्रावधान हैं?

इन सवालों के जवाब बहुत से लोगों को नहीं पता होते और इसी अज्ञानता के चलते वो या तो सहन करते हैं या फिर गलत कदम उठा लेते हैं। ऐसे मामलों में कानून का सही ज्ञान होना बेहद जरूरी है ताकि आप अपने हक की रक्षा सही तरीके से कर सकें।

 

क्या खिड़की निकालना अवैध कब्जा है?

अगर कोई व्यक्ति अपने मकान की खिड़की सीधा आपके प्लॉट की ओर निकाल देता है, तो इसे कब्जा नहीं, बल्कि अतिक्रमण और निजता में हस्तक्षेप (Violation of Privacy) माना जाएगा।

भारतीय कानून में कब्जा तब माना जाता है जब कोई व्यक्ति जानबूझकर आपकी जमीन पर निर्माण करता है या उसका इस्तेमाल करता है। लेकिन अगर वह आपकी जमीन की ओर खिड़की खोल रहा है, तो यह कानूनी तौर पर सीधे-सीधे कब्जा तो नहीं है, लेकिन आपकी प्रॉपर्टी की सुरक्षा और निजी जीवन में दखल जरूर है। ऐसे में यह मामला अतिक्रमण और अनधिकृत निर्माण के तहत आता है, और इसके लिए आप कानूनी कार्यवाही कर सकते हैं।

 

नगर निगम और विकास प्राधिकरण क्या कहते हैं

भारत के हर शहर और नगर में मकान निर्माण के लिए कुछ नियम और बिल्डिंग बाय-लॉज तय किए गए हैं। इनमें यह साफ लिखा होता है कि एक मकान की दीवार से दूसरी प्रॉपर्टी की दीवार के बीच में कितनी दूरी होनी चाहिए, कहां खिड़की या बालकनी बन सकती है और कहां नहीं।

अगर कोई व्यक्ति इन नियमों को तोड़कर खिड़की आपकी जमीन की ओर बनाता है, तो आप उस इलाके के नगर निगम या विकास प्राधिकरण में इसकी लिखित शिकायत कर सकते हैं। शिकायत के बाद संबंधित विभाग उस निर्माण की जांच करता है और अगर खिड़की नियमों के विरुद्ध पाई जाती है, तो उसे बंद करने का आदेश दिया जा सकता है।

कोर्ट में मामला ले जाना कब सही है

अगर आपकी शिकायत पर नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं करता, या पड़ोसी बार-बार आपको नजरअंदाज करता है, तो आप सिविल कोर्ट में जाकर उचित कार्रवाई कर सकते हैं। आपको कोर्ट में यह साबित करना होगा कि खिड़की की वजह से आपकी संपत्ति की निजता भंग हो रही है, या वह खिड़की आपकी दीवार के बिल्कुल नजदीक है और आपके अधिकार क्षेत्र में दखल दे रही है।

 

कोर्ट इस बात की जांच करेगी कि क्या निर्माण वास्तव में अवैध है और उससे आपको नुकसान हो रहा है या नहीं। अगर कोर्ट को लगता है कि आपके अधिकारों का उल्लंघन हुआ है, तो वह उस खिड़की को हटाने या बंद करवाने का आदेश दे सकती है।

पड़ोसी से बातचीत: पहला हल

हालांकि कानून का सहारा लेना आपका अधिकार है, लेकिन पड़ोसियों से सीधे टकराव के पहले बातचीत से हल निकालना हमेशा बेहतर होता है। आप उनसे शांति से बात कर सकते हैं कि उनकी खिड़की आपके लिए परेशानी बन रही है, या आपकी प्राइवेसी में दखल दे रही है। बहुत बार लोग अनजाने में ऐसी गलती कर बैठते हैं और समझाने पर उसे सुधार लेते हैं।

अगर सामने वाला न माने, तो आप उसे कानूनी नोटिस भेज सकते हैं। यह नोटिस आपके इरादे की गंभीरता दिखाता है और कई बार मामला कोर्ट तक जाने से पहले ही सुलझ जाता है।

कोर्ट के पुराने फैसलों से क्या संकेत मिलते हैं

भारत की कई अदालतों में ऐसे केस आ चुके हैं जहां पड़ोसी ने अपनी खिड़की सामने वाले की प्रॉपर्टी की ओर निकाली थी।दिल्ली हाईकोर्ट ने एक केस में कहा था कि अगर खिड़की आपकी संपत्ति की ओर है और उससे आपके अधिकार प्रभावित हो रहे हैं, तो वह अवैध मानी जाएगी और उसे बंद किया जाना चाहिए। इसी तरह इलाहाबाद हाईकोर्ट और राजस्थान हाईकोर्ट ने भी कुछ मामलों में यह स्पष्ट किया कि जब तक खिड़की सामने वाले की सहमति से न हो, तब तक उसे वैध नहीं माना जा सकता।

 

निष्कर्ष: अपने अधिकारों को जानना है जरूरी

अगर आप किसी प्लॉट या मकान के मालिक हैं, तो आपको अपने अधिकारों की जानकारी होनी चाहिए। पड़ोसी द्वारा खिड़की खोलना छोटी बात लग सकती है, लेकिन यह धीरे-धीरे बड़ा विवाद बन सकता है।

कानून आपको पूरा हक देता है कि आप अपनी संपत्ति की सुरक्षा करें और उसमें किसी भी प्रकार का दखल न होने दें। यदि आप सही तरीके से कार्रवाई करें तो बिना विवाद के भी अपनी जमीन और निजता की रक्षा कर सकते हैं।

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