Noida: अगर तुम भी नोएडा में रोज ऑफिस या स्कूल के लिए सफर करते हो, तो ये खबर तुम्हारे लिए बहुत बड़ी राहत लेकर आई है। सेक्टर 71 और सेक्टर 60 के बीच दो नए अंडरपास बनाने का काम शुरू हो गया है। नोएडा अथॉरिटी ने इसे फास्ट-ट्रैक पर डाल दिया है, ताकि शहर में ट्रैफिक का बोझ कम हो सके।
इन इलाकों में सुबह और शाम की पीक टाइम में जाम लगना अब आम बात हो गई थी। खासकर सेक्टर 61, 71, 52 और आसपास के क्षेत्रों के लोग इस परेशानी से रोज जूझते थे। लेकिन अब अंडरपास बनने से बड़ी राहत मिलेगी।
नोएडा अथॉरिटी की योजना और एक्सपर्ट तैयारी
नोएडा प्राधिकरण ने इस प्रोजेक्ट के लिए एक्सपर्ट कंसल्टेंट्स और ट्रैफिक इंजीनियर्स की मदद ली है। सारा प्लान इस तरह तैयार किया गया है कि लोगों की रोजमर्रा की आवाजाही पर कम से कम असर पड़े।
काम की शुरुआत पहले अंडरपास से की गई है जो सेक्टर 71 को सेक्टर 61 से जोड़ेगा। दूसरा अंडरपास सेक्टर 52 से सेक्टर 60 को जोड़ेगा। दोनों जगहों पर अभी भारी ट्रैफिक का दबाव रहता है, लेकिन निर्माण पूरा होते ही ये इलाके ‘सिग्नल-फ्री’ जोन में बदल जाएंगे।
आम लोगों के लिए ये बदलाव कितना जरूरी था
अब देखो, जिन लोगों को रोज 5-6 किलोमीटर का सफर तय करने में 30-40 मिनट लग जाते थे, उनके लिए ये प्रोजेक्ट किसी वरदान से कम नहीं है। संजीव जी, जो सेक्टर 70 में रहते हैं और सेक्टर 60 में ऑफिस करते हैं, बताते हैं – “जाम की वजह से सुबह-सुबह काफी टेंशन हो जाती थी। अब उम्मीद है कि ट्रैफिक बचेगा और समय भी।”
सिर्फ कार या बाइक वाले ही नहीं, बल्कि पैदल चलने वालों, स्कूल जाने वाले बच्चों और बुजुर्गों को भी इन अंडरपास से फायदा होगा। ये विकास सिर्फ इन्फ्रास्ट्रक्चर का नहीं, बल्कि जीवनशैली का भी है।
निर्माण की रफ्तार और अनुमानित समय सीमा
नोएडा अथॉरिटी के अनुसार इन दोनों अंडरपास का निर्माण कार्य अगले 12 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए नाइट शिफ्ट में भी काम चल रहा है ताकि ट्रैफिक पर दिन में असर न पड़े।
इन प्रोजेक्ट्स को ईको-फ्रेंडली टेक्नोलॉजी से बनाया जा रहा है। धूल और प्रदूषण को कम करने के लिए खास मशीनों और पानी की स्प्रे तकनीक का उपयोग हो रहा है। यह दिखाता है कि अथॉरिटी पर्यावरण को लेकर भी सजग है।
प्रॉपर्टी वैल्यू और लोकल इकॉनॉमी पर असर
देखा जाए तो ये अंडरपास सिर्फ ट्रैफिक को नहीं, बल्कि आसपास के इलाकों की प्रॉपर्टी वैल्यू को भी ऊपर ले जाएंगे। सेक्टर 61, 70, 71, 60 और 52 जैसे क्षेत्रों में अब लोग ज़्यादा निवेश करने में रुचि दिखा सकते हैं।
दुकानदारों और छोटे व्यवसायियों को भी फायदा मिलेगा। ट्रैफिक स्मूद होगा तो ग्राहक आना-जाना आसान होगा, जिससे लोकल मार्केट्स में भी रौनक बढ़ेगी। यानी ये प्रोजेक्ट सीधे-सीधे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बूस्ट देगा।
स्थानीय लोगों की राय और उम्मीदें
रविता मैम, जो सेक्टर 52 में रहती हैं, कहती हैं, “हमें कई सालों से इस तरह के काम की जरूरत महसूस हो रही थी। अब जब प्रोजेक्ट शुरू हो गया है, तो उम्मीद है कि वादे पर अमल होगा।”
यह बातें सिर्फ आंकड़ों की नहीं, लोगों की भावनाओं की भी हैं। जब कोई शहर अपने नागरिकों की सुविधा के लिए ऐसे फैसले लेता है, तो वह शहर सिर्फ बढ़ता नहीं, संवेदनशील भी बनता है।