Pension Rule: केंद्र सरकार ने लंबे समय से ओल्ड पेंशन बहाली की मांग कर रहे सरकारी कर्मचारियों को ध्यान में रखते हुए पेंशन कैलकुलेशन से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया है। अब 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले कर्मचारियों को भी उस इंक्रीमेंट का लाभ मिलेगा, जो पहले सिर्फ 1 जुलाई और 1 जनवरी से लागू होता था। इस फैसले से पेंशन में सीधा असर पड़ेगा और रिटायरमेंट के बाद की आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकेगी। यह नया नियम यूनिफाइड पेंशन सिस्टम (UPS) के तहत लागू किया गया है, जिसे कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने 20 मई 2025 को एक ऑफिस मेमोरेंडम के जरिए सभी संबंधित विभागों को सूचित कर दिया है।
नोशनल इंक्रीमेंट का फायदा कैसे मिलेगा?
सरकार ने यह निर्णय उन कर्मचारियों के पक्ष में लिया है जो 30 जून या 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होते हैं। पहले ऐसे कर्मचारी इंक्रीमेंट के लाभ से सिर्फ एक दिन के अंतर की वजह से वंचित रह जाते थे। लेकिन अब उन्हें भी “नोशनल इंक्रीमेंट” का लाभ मिलेगा, यानी ऐसा मान लिया जाएगा कि उन्हें 1 जुलाई या 1 जनवरी को इंक्रीमेंट मिला है। इसका फायदा सीधे तौर पर उनकी पेंशन की गणना में जोड़ा जाएगा। हालांकि यह फायदा सिर्फ पेंशन कैलकुलेशन के लिए ही लागू होगा, बाकी सेवानिवृत्ति लाभों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।
बदलाव क्यों जरूरी था?
पेंशन संबंधी यह बदलाव इसलिए अहम था क्योंकि पुराने नियमों के अनुसार, केंद्रीय कर्मचारियों को साल में दो बार—1 जनवरी और 1 जुलाई को इंक्रीमेंट दिया जाता था। लेकिन जो कर्मचारी ठीक इससे एक दिन पहले यानी 31 दिसंबर या 30 जून को रिटायर हो जाते थे, वे इस इंक्रीमेंट के फायदे से वंचित रह जाते थे। इससे उनकी मासिक पेंशन कम हो जाती थी, जो कि लंबे समय में बड़ी रकम में अंतर डालती थी। यह मुद्दा तब सामने आया जब 2017 में मद्रास हाई कोर्ट ने एक केस में ऐसे ही एक कर्मचारी को नोशनल इंक्रीमेंट देने का निर्देश दिया।
इसके बाद यह मामला अन्य कर्मचारियों द्वारा कोर्ट और ट्रिब्यूनल में उठाया गया और आखिरकार 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने भी इसका समर्थन करते हुए कहा कि ऐसे कर्मचारियों को पूरे साल की सेवा और अच्छे प्रदर्शन के आधार पर नोशनल इंक्रीमेंट मिलना चाहिए। अब इस फैसले को सभी पात्र कर्मचारियों पर लागू कर दिया गया है।
ऑफिस मेमोरेंडम के अनुसार किन्हें मिलेगा लाभ?
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी किए गए मेमोरेंडम के अनुसार, वे सभी कर्मचारी जो 30 जून या 31 दिसंबर को रिटायर हो रहे हैं और जिन्होंने सेवानिवृत्ति तक आवश्यक सेवा की हो, उनके काम और व्यवहार संतोषजनक रहे हों, उन्हें पेंशन की गणना के लिए नोशनल इंक्रीमेंट का लाभ मिलेगा। ध्यान देने वाली बात यह है कि यह लाभ केवल पेंशन की गणना के लिए मान्य होगा। इससे ग्रेच्युटी, लीव एनकैशमेंट या ग्रुप इंश्योरेंस जैसी अन्य सेवानिवृत्त लाभों में कोई बदलाव नहीं आएगा।
पेंशन की गणना कैसे की जाएगी?
केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम 2021 के अनुसार, पेंशन की गणना कर्मचारी के आखिरी बेसिक वेतन और उसकी सेवा अवधि के आधार पर की जाती है। उदाहरण के तौर पर, यदि कोई कर्मचारी 30 जून को ₹79,000 वेतन पर रिटायर हो रहा है और 1 जुलाई को उसे ₹2,000 का इंक्रीमेंट मिलना था, तो अब उसकी पेंशन की गणना ₹81,000 वेतन के आधार पर की जाएगी, ना कि ₹79,000 के आधार पर। इससे उसकी मासिक पेंशन बढ़ेगी और उसका भविष्य अधिक सुरक्षित और आर्थिक रूप से मजबूत हो सकेगा।
लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
इस नई व्यवस्था से देशभर में लाखों सरकारी कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। क्योंकि यह बदलाव उनकी सालभर की मेहनत को मान्यता देता है और उन्हें उस एक दिन के अंतर से होने वाले आर्थिक नुकसान से बचाता है। यह उन कर्मचारियों के लिए भी बहुत राहत की बात है जो रिटायरमेंट के ठीक पहले दिन तक सेवा देते हैं लेकिन उन्हें इंक्रीमेंट का लाभ नहीं मिल पाता। अब वे भी अपनी सेवा के आखिरी दिन तक का पूरा फायदा उठा सकेंगे।
सरकार का यह फैसला निश्चित रूप से कर्मचारियों के हित में एक मजबूत कदम है और यह भविष्य में कर्मचारियों की संतुष्टि और सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाएगा। यह नीति न केवल न्याय संगत है बल्कि यह कर्मचारियों की सेवा को उचित सम्मान भी देती है।