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India News : प्रोफेसर पर छात्रा को अश्लील मैसेज भेजने का आरोप, जांच में आया नया मोड़

India News : एक तरफ जहां शिक्षा को सबसे पवित्र पेशा माना जाता है, वहीं कुछ घटनाएं इसे शर्मसार कर देती हैं। हाल ही में सामने आया एक मामला ऐसा ही है, जिसने न सिर्फ शिक्षा जगत को चौंकाया है, बल्कि छात्रों और समाज के भरोसे को भी झटका दिया है। बात हो रही है एक प्रोफेसर पर लगे अश्लील मैसेज भेजने के आरोप की, जिसने कॉलेज प्रशासन और पुलिस दोनों को हरकत में ला दिया है।

यह मामला किसी आम लड़ाई-झगड़े का नहीं, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति से जुड़ा है जिसे छात्र अपना गुरु मानते हैं, और जिसे समाज एक मार्गदर्शक के तौर पर देखता है। जब ऐसे व्यक्ति पर इस तरह के आरोप लगते हैं, तो सवाल सिर्फ उस इंसान पर नहीं उठते, बल्कि पूरे सिस्टम पर उठने लगते हैं।

कैसे शुरू हुआ विवाद

 

घटना की शुरुआत तब हुई जब एक छात्रा ने कॉलेज प्रशासन से लिखित में शिकायत दी कि उसके विभाग के एक प्रोफेसर लगातार उसे फोन पर अश्लील मैसेज भेज रहे हैं। छात्रा के अनुसार, यह सिलसिला कई दिनों से चल रहा था, लेकिन जब बात हद से ज्यादा बढ़ गई तो उसने इसकी शिकायत करने का फैसला लिया।

शुरुआत में छात्रा डर की वजह से चुप रही, लेकिन जब प्रोफेसर के मैसेज लगातार आने लगे और उनके शब्दों की गंभीरता बढ़ती गई, तब जाकर उसने कॉलेज की महिला शिकायत समिति में इसकी सूचना दी।

कॉलेज प्रशासन ने सबसे पहले छात्रा की गोपनीयता बनाए रखते हुए प्रारंभिक जांच कमेटी गठित की और मामला महिला आयोग तथा स्थानीय पुलिस को भी सौंप दिया।

प्रोफेसर की सफाई और जांच की स्थिति

जब प्रोफेसर से इस मामले में जवाब मांगा गया, तो उन्होंने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि उन्हें किसी ने फंसाने की साजिश की है। प्रोफेसर का कहना है कि छात्रा को उन्होंने कभी कोई आपत्तिजनक संदेश नहीं भेजा, और अगर किसी प्रकार का कोई मैसेज गया भी है, तो वह किसी टेक्निकल गलती या मोबाइल हैकिंग की वजह से हुआ होगा।

 

फिलहाल कॉलेज की जांच कमेटी ने उनका मोबाइल फोन जब्त कर लिया है और डिजिटल फॉरेंसिक टीम को जांच के लिए सौंपा गया है। उधर पुलिस ने भी FIR दर्ज कर ली है और छात्रा के बयान दर्ज कर लिए गए हैं।

बताया जा रहा है कि मोबाइल चैट और कॉल डिटेल्स को सबूत के तौर पर जांच में शामिल किया जाएगा, ताकि सच सामने लाया जा सके।

कॉलेज प्रशासन की सख्ती

जैसे ही मामला सामने आया, कॉलेज प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए प्रोफेसर को फिलहाल सस्पेंड कर दिया है। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक उन्हें क्लास नहीं लेने दी जाएगी और कॉलेज परिसर में भी प्रवेश पर रोक रहेगी।

कॉलेज के प्राचार्य का कहना है कि “इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाएगी। हम छात्र-छात्राओं की सुरक्षा और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रोफेसर दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के अलावा कानूनी प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी।

छात्र संगठन और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

 

मामला सामने आने के बाद कॉलेज के छात्र संगठनों और सामाजिक संस्थाओं ने भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। छात्र संगठनों ने कॉलेज के बाहर प्रदर्शन करते हुए मांग की कि आरोपी को तुरंत बर्खास्त किया जाए और छात्रा को पूरी सुरक्षा दी जाए।

सोशल मीडिया पर भी यह खबर तेज़ी से वायरल हो रही है। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि जब शिक्षक ही इस तरह की हरकत करेंगे, तो समाज में बाकी लोगों से क्या उम्मीद की जा सकती है। कई यूजर्स ने यह भी लिखा कि ऐसे मामलों में जल्द से जल्द न्याय होना जरूरी है ताकि पीड़ितों को और तकलीफ न हो।

अब आगे क्या होगा

फिलहाल जांच प्रक्रिया जारी है। कॉलेज कमेटी, पुलिस और डिजिटल टीम तीनों अपने-अपने स्तर पर साक्ष्य इकट्ठा कर रहे हैं। अगर जांच में प्रोफेसर दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें IPC की धारा 354A (यौन उत्पीड़न), 509 (शब्दों द्वारा महिला का अपमान) और IT एक्ट की धाराओं के तहत सजा हो सकती है।

 

दूसरी ओर अगर वे निर्दोष साबित होते हैं, तो उनके खिलाफ लगे सभी प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे और उन्हें वापस काम पर बहाल किया जा सकता है। लेकिन तब तक के लिए मामला काफी गंभीर है और कॉलेज समेत पूरे शिक्षा क्षेत्र पर सवाल खड़े कर रहा है।

👉 यह जानकारी दूसरों से ज़रूर शेयर करें, ताकि किसी भी छात्र या छात्रा के साथ ऐसी घटना हो तो वे बिना डरे आवाज़ उठा सकें।

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