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Property Rate: प्रॉपर्टी के दाम बढ़ेंगे या घटेंगे? ताजा रिपोर्ट में सामने आई सच्चाई

Property Rate: अगर आप घर खरीदने की सोच रहे हैं या जमीन में इन्वेस्ट करने का मन बना रहे हैं, तो आपके लिए यह खबर काम की हो सकती है। बीते कुछ सालों में प्रॉपर्टी के दाम लगातार बढ़ते गए और लोगों के लिए फ्लैट या प्लॉट खरीदना दिन-ब-दिन मुश्किल होता गया। लेकिन अब जो ताजा रिपोर्ट सामने आई है, उसमें कई चौंकाने वाले आंकड़े और रुझान दिख रहे हैं। इनमें साफ बताया गया है कि आने वाले महीनों में रियल एस्टेट की चाल कैसी रहेगी और क्या आम आदमी को थोड़ी राहत मिलेगी या फिर घर खरीदने का सपना और महंगा हो जाएगा।

मेट्रो शहरों में अब भी तेज़ी बनी हुई है

 

रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली-NCR, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों में प्रॉपर्टी के दामों में अभी भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। वजह है कि यहां डिमांड लगातार बनी हुई है, और नए प्रोजेक्ट्स की डिलिवरी में देरी के चलते मौजूदा फ्लैट्स और जमीनों की कीमतें ऊपर बनी हुई हैं।

हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये तेजी बहुत लंबे समय तक नहीं टिकेगी। जैसे ही नए प्रोजेक्ट्स पूरा होंगे और बाजार में सप्लाई बढ़ेगी, तब रेट थोड़ा स्थिर हो सकते हैं या मामूली गिरावट भी आ सकती है। लेकिन फिलहाल के लिए मेट्रो शहरों में रेट नीचे आने की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही।

छोटे शहरों में स्थिरता की उम्मीद

अगर बात करें लखनऊ, इंदौर, जयपुर, पटना, नागपुर जैसे मिड-लेवल शहरों की, तो यहां प्रॉपर्टी के रेट फिलहाल स्थिर बने हुए हैं। यहां ना तो बहुत ज्यादा उछाल आया है और ना ही गिरावट।

इन शहरों में जिन इलाकों में सरकारी प्रोजेक्ट्स या नया इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहा है, वहां हल्की तेजी देखी जा रही है। बाकी शहरों में रियल एस्टेट कंपनियां अभी रेट को कंट्रोल में रखे हुए हैं ताकि आम खरीदारों को आकर्षित किया जा सके। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मिड-लेवल शहरों में आने वाले 6 महीनों में 5-7% तxक दाम बढ़ सकते हैं, लेकिन कोई बहुत बड़ी छलांग नहीं दिख रही।

 

ब्याज दरों का असर भी पड़ेगा रेट पर

होम लोन की ब्याज दरें भी इस समय एक बड़ा फैक्टर बन चुकी हैं। बीते एक साल में आरबीआई ने रेपो रेट में धीरे-धीरे बदलाव किया है जिससे बैंकों ने भी होम लोन की दरें 8% से ऊपर पहुंचा दी हैं। इसका सीधा असर यह हुआ है कि बहुत से लोग प्रॉपर्टी खरीदने से पीछे हटने लगे हैं।

इस वजह से कई बिल्डरों ने दामों को कंट्रोल में रखने का फैसला किया है, ताकि ग्राहक वापस लौटें। अगर आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कटौती होती है, तो प्रॉपर्टी की डिमांड दोबारा बढ़ेगी और तब रेट फिर से ऊपर जा सकते हैं।

निवेशकों के लिए सही समय?

अगर आप इन्वेस्टमेंट के लिहाज से जमीन या फ्लैट खरीदना चाहते हैं, तो यह समय आपके लिए अच्छा साबित हो सकता है। खासकर उन शहरों या इलाकों में जहां अभी रेट बहुत ऊपर नहीं गए हैं लेकिन आने वाले सालों में वहां मेट्रो, रोड या कोई बड़ा प्रोजेक्ट शुरू होने वाला है।

ऐसी जगहों पर 1–2 साल में अच्छी रिटर्न मिलने की संभावना रहती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट वाले क्षेत्रों में 2026 तक प्रॉपर्टी के दाम 15–20% तक बढ़ सकते हैं। इसलिए अगर सही जगह चुनी जाए तो निवेशकों के लिए यह मौका फायदेमंद हो सकता है।

 

निचला स्तर अभी दूर, लेकिन स्थिरता आएगी

कुल मिलाकर, रिपोर्ट में यह साफ किया गया है कि फिलहाल प्रॉपर्टी के दाम में कोई जबरदस्त गिरावट नहीं आने वाली। हालांकि कुछ इलाकों में थोड़ी राहत जरूर मिल सकती है, लेकिन कोई बड़ी मंदी नहीं दिख रही।

बाजार में स्थिरता आ रही है, बिल्डर भी समझ रहे हैं कि कीमत बहुत ज़्यादा हो गई है, इसलिए अब वो भी “launch price” को सोच-समझकर तय कर रहे हैं। ऐसे में जिन लोगों का बजट तय है, उनके लिए यह सही समय हो सकता है – खासकर अगर लंबी अवधि के लिए प्रॉपर्टी खरीद रहे हों।

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