RBI: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा हाल ही में किए गए मौद्रिक नीति संशोधन के बाद देश के प्रमुख बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दरें घटा दी हैं। इससे निवेशकों को अब FD से उतना रिटर्न नहीं मिल रहा जितना पहले मिलता था। इस बदलाव के बाद पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाएं अब ज्यादा आकर्षक विकल्प के रूप में उभर रही हैं।
इस परिस्थिति में खासतौर पर पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम (MIS) निवेशकों के लिए बेहतर ब्याज दर के साथ एक स्थिर और सुरक्षित आय का माध्यम बन गई है।
बैंकों की एफडी ब्याज दरों में गिरावट
RBI के हालिया पॉलिसी रिव्यू में रेपो रेट को यथावत रखा गया, लेकिन बाजार की अनिश्चितता और बैंकिंग सेक्टर में तरलता को देखते हुए कई प्रमुख बैंकों ने FD की ब्याज दरें घटा दी हैं। इसमें PNB, HDFC और SBI जैसे बड़े बैंक शामिल हैं।
इसका असर सीधा उन ग्राहकों पर पड़ा है जो सुरक्षित और स्थिर निवेश के लिए FD को प्राथमिकता देते थे। अब उन्हें उतना फायदा नहीं हो रहा जितना पहले मिलता था, जिससे निवेशकों का रुझान अब अन्य विकल्पों की ओर बढ़ रहा है।
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम बनी निवेशकों की पहली पसंद
RBI की नीतियों के कारण FD पर ब्याज कम होने से पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम को लेकर लोगों की रुचि बढ़ी है। यह स्कीम खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो नियमित मासिक आय की तलाश में हैं। इस स्कीम के तहत फिलहाल 7.4% सालाना ब्याज दर मिल रही है, जो हर महीने निवेशक के खाते में ट्रांसफर होती है। यह दर वर्तमान बैंक FD दरों की तुलना में काफी बेहतर है और सरकार द्वारा समर्थित होने के कारण बेहद सुरक्षित भी है।
MIS स्कीम की खास बातें और निवेश सीमा
पोस्ट ऑफिस MIS स्कीम में आप न्यूनतम ₹1,000 और अधिकतम ₹9 लाख (व्यक्तिगत खाता) तक निवेश कर सकते हैं। जॉइंट अकाउंट में यह सीमा ₹15 लाख तक जाती है। यह योजना 5 वर्षों की होती है और उसके बाद आप चाहें तो इसे बढ़ा सकते हैं। इस स्कीम की खास बात यह है कि इसमें मिलने वाली मासिक ब्याज राशि आपकी नियमित आय का अच्छा स्रोत बन सकती है। यह उन रिटायर्ड या सीनियर सिटीजन के लिए आदर्श स्कीम है जो रिस्क से दूर रहना चाहते हैं।
FD बनाम पोस्ट ऑफिस MIS: तुलना में कौन बेहतर
जब FD और MIS की तुलना की जाती है, तो ब्याज दर और नियमित आय को देखते हुए पोस्ट ऑफिस स्कीम का पलड़ा भारी लगता है। FD में जहां ब्याज दरें लगातार गिर रही हैं, वहीं पोस्ट ऑफिस MIS स्कीम स्थिर रिटर्न देती है। इसके अलावा FD में मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालने पर पेनाल्टी लगती है, जबकि पोस्ट ऑफिस MIS में आंशिक लिक्विडिटी और सरकारी सुरक्षा भी मिलती है। यही कारण है कि मौजूदा आर्थिक हालात में यह स्कीम एक सुरक्षित और लाभकारी विकल्प बन चुकी है।
निवेशकों को सलाह: अब सोच-समझकर करें फिक्स्ड इनकम निवेश
बाजार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे पारंपरिक FD से हटकर पोस्ट ऑफिस की योजनाओं जैसे विकल्पों पर विचार करें। खासकर वे लोग जिन्हें निश्चित और मासिक आय की आवश्यकता है, उनके लिए यह बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
सरकारी योजना होने के कारण इसमें जोखिम न्यूनतम होता है और ब्याज दर बाजार की अनिश्चितता से प्रभावित नहीं होती। इसलिए यह स्कीम अब लोगों की फिक्स्ड इनकम जरूरतों का एक भरोसेमंद समाधान बन चुकी है।