RBI: आज के समय में जब पैसों की ज़रूरत अचानक आ खड़ी होती है, तो आम आदमी सबसे पहले नजरें अपने घर की तिजोरी की ओर घुमा देता है, जिसमें सोना रखा होता है। गोल्ड लोन यानी सोने के बदले लोन लेना अब आम हो गया है। लेकिन अब इस प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आ गया है, क्योंकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इसके नियमों को लेकर एक अहम फैसला लिया है।
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गोल्ड लोन को लेकर नियमों में कुछ महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं, ताकि यह सिस्टम और भी पारदर्शी और ग्राहक हितैषी बन सके। यह बदलाव न सिर्फ लोन की प्रक्रिया को सरल बनाएगा, बल्कि लोन लेने वालों को भी धोखाधड़ी और गलत शर्तों से बचाएगा।
बैंक और NBFC पर सख्ती बढ़ेगी
अब तक गोल्ड लोन देने वाले कई गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (NBFCs) मनमानी शर्तों पर लोन दे रहे थे। कई बार ब्याज दर ज्यादा लगाई जाती थी, कुछ मामलों में समय पर सोना वापस नहीं दिया जाता था या ग्राहकों को पूरी जानकारी नहीं दी जाती थी।
अब RBI ने साफ निर्देश जारी किए हैं कि जो भी संस्था गोल्ड लोन देगी, उसे पहले से तय नियमों और पारदर्शिता के साथ काम करना होगा। खासकर NBFCs को यह सुनिश्चित करना होगा कि गोल्ड की वैल्यूएशन, ब्याज दर और लोन की अवधि की जानकारी पूरी तरह से ग्राहक को दी जाए और उस पर सहमति ली जाए।
लोन टू वैल्यू रेशियो पर भी नजर
एक और अहम बदलाव जो RBI ने किया है वो है Loan to Value (LTV) ratio को लेकर। पहले कई NBFCs ग्राहकों को सोने की कीमत का 90% तक लोन दे रहे थे, लेकिन अब RBI ने इसे कंट्रोल करने की दिशा में कदम उठाया है।
नए नियमों के तहत यह तय किया गया है कि सोने की मार्केट वैल्यू के हिसाब से ही लोन दिया जाए और किसी भी हाल में तय सीमा से ऊपर न जाए। इससे ग्राहक और बैंक दोनों के हित सुरक्षित रहेंगे। साथ ही सोने की ओवरवैल्यूएशन कर ज्यादा लोन देने और बाद में वसूली न हो पाने जैसे मामले अब कम होंगे।
ब्याज दर और चार्जेस की पूरी जानकारी जरूरी
RBI के नए निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि गोल्ड लोन देने वाली संस्थाएं अब किसी भी प्रकार का हिडन चार्ज या अस्पष्ट ब्याज दर नहीं लगा सकेंगी। उन्हें ग्राहक को पहले से ही स्पष्ट रूप से लोन की दर, प्रोसेसिंग फीस, समय सीमा, पेनल्टी आदि की जानकारी देनी होगी।
इसका मकसद यह है कि ग्राहक बाद में किसी परेशानी में न फंसे और उसे यह न लगे कि उससे धोखा हुआ है। अब ग्राहकों को एक लिखित एग्रीमेंट मिलेगा, जिसमें सारी शर्तें साफ-साफ दर्ज होंगी।
लोन की अवधि और पुनर्भुगतान को लेकर भी बदलाव
गोल्ड लोन की अवधि को लेकर भी कुछ नए निर्देश जारी किए गए हैं। पहले कुछ संस्थाएं छोटी अवधि (3 से 6 महीने) के लिए ही लोन देती थीं और फिर समय पर भुगतान न होने पर भारी ब्याज वसूल करती थीं।
अब RBI ने कहा है कि संस्थाएं ग्राहकों को कम से कम 12 महीने तक की सुविधा दें, ताकि ग्राहक बिना दबाव के अपने लोन का भुगतान कर सके। इसके अलावा, लोन की समयसीमा पूरी होने पर ग्राहक को समय पर सूचना देना और रिकवरी के लिए समय देना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
ग्राहकों के लिए यह क्यों है फायदेमंद
इन सारे बदलावों का सीधा फायदा ग्राहकों को मिलने वाला है। अब उन्हें लोन लेने से पहले पूरी जानकारी मिलेगी, ब्याज दरें पारदर्शी होंगी और सोने की सुरक्षा की जिम्मेदारी बैंक और NBFC की होगी।
इसके अलावा, अगर कोई संस्था नियमों का उल्लंघन करती है, तो ग्राहक उसकी शिकायत सीधे RBI के पास दर्ज करा सकता है। इससे पूरे गोल्ड लोन सिस्टम में भरोसा बढ़ेगा और ज्यादा लोग इसे एक सुरक्षित विकल्प मान सकेंगे।