Reserve Bank of India : हाल ही में बाजार में 500 रुपये के नोट को लेकर काफी अफवाहें फैली थीं। कहीं लोग कह रहे थे कि नोट बंद हो सकता है, कहीं कहा जा रहा था कि कुछ सीरीज के नोट नहीं लिए जाएंगे। ऐसे में आम लोगों में भ्रम की स्थिति बन गई थी और छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े व्यापारियों तक सभी इस बात को लेकर चिंतित थे कि कहीं फिर से 2016 जैसी स्थिति न बन जाए। अब रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI ने इस पर स्पष्ट गाइडलाइन जारी करके स्थिति को साफ कर दिया है और बताया है कि 500 रुपये के नोट को लेकर किसी को डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन कुछ जरूरी सावधानियां ज़रूर बरतनी होंगी।
आरबीआई की गाइडलाइन में साफ तौर पर कहा गया है कि 500 रुपये का नोट पूरी तरह वैध है और उसका लेन-देन पहले की तरह जारी रहेगा। साथ ही, यह भी बताया गया है कि नकली नोटों की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए लोगों को कैसे नोट की पहचान करनी चाहिए और क्या-क्या बातें ध्यान रखनी चाहिए।
नोट की वैधता को लेकर फैली अफवाहों पर रोक
पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप्स पर तेजी से वायरल हो रही खबरों में यह दावा किया जा रहा था कि सरकार जल्द ही 500 रुपये के नोट को बंद कर सकती है या कुछ विशेष सीरीज के नोटों को अमान्य घोषित किया जा सकता है। इस पर रिज़र्व बैंक ने सख्त रवैया अपनाते हुए स्पष्ट कहा है कि ऐसी कोई योजना फिलहाल सरकार या RBI के स्तर पर नहीं है।
आरबीआई ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा कि 500 रुपये का नोट, चाहे वह नई सीरीज का हो या पुरानी, जब तक वह असली है और नकली नहीं पाया गया है, तब तक वह पूरी तरह चलन में बना रहेगा। आरबीआई ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी नोट को लेने या देने से पहले उसकी सत्यता की पुष्टि जरूर कर लें।
नकली नोटों की पहचान कैसे करें
आरबीआई ने अपनी गाइडलाइन में आम जनता को जागरूक करने के लिए बताया है कि 500 रुपये के असली नोट और नकली नोट के बीच कैसे फर्क किया जा सकता है। गाइडलाइन के अनुसार, 500 के नोट पर महात्मा गांधी की तस्वीर, आरबीआई का लोगो, सुरक्षा धागा और वॉटरमार्क जैसी कई सुरक्षा विशेषताएं होती हैं जिन्हें ध्यान से देखकर पहचाना जा सकता है।
नोट को रोशनी में देखने पर गांधी जी का चेहरा और 500 का नंबर वॉटरमार्क के रूप में दिखता है। इसके अलावा, एक रंग बदलने वाली स्याही भी होती है जो नोट को हिलाने पर हरे से नीली हो जाती है। नोट के किनारे पर उभरे हुए अक्षरों और संख्याओं को उंगलियों से महसूस किया जा सकता है। ये सारी चीजें बताती हैं कि नोट असली है।
आरबीआई ने यह भी कहा कि कोई भी नागरिक अगर नकली नोट के शक में कोई नोट पाता है, तो वह उसे तुरंत नजदीकी बैंक शाखा में जाकर जमा कर सकता है। वहां से उसकी जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई होगी। नकली नोट चलाना कानूनन अपराध है, इसलिए किसी भी नोट को लेने से पहले जांच लेना ज़रूरी है।
बैंकों को भी जारी किए गए दिशा-निर्देश
रिज़र्व बैंक ने सिर्फ आम जनता को ही नहीं, बल्कि बैंकों को भी सख्त निर्देश दिए हैं कि वे कैश लेन-देन में सतर्कता बरतें। बैंक कर्मचारियों को नोट की पहचान की ट्रेंनिंग दी जा रही है और सभी शाखाओं में नकली नोट पकड़ने वाली मशीनें लगाने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
बैंकों को कहा गया है कि अगर कोई भी व्यक्ति नकली नोट लेकर आता है, तो बिना उसकी जांच किए उसे वापस न किया जाए। साथ ही, बैंक ग्राहकों को भी जागरूक करें कि वे कैश ट्रांजैक्शन करते समय ध्यान रखें और केवल अधिकृत स्रोतों से ही कैश लें।
सरकार चाहती है कि भविष्य में नकली नोटों की समस्या पर पूरी तरह रोक लगाई जाए। इसके लिए बैंकिंग सिस्टम को ज्यादा तकनीकी और सुरक्षित बनाने की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है। अगर बैंकों और आम लोगों में समन्वय बना रहा, तो नकली नोटों का चलन बहुत हद तक रोका जा सकता है।
आम जनता के लिए जरूरी सावधानी
आरबीआई की गाइडलाइन सिर्फ निर्देश भर नहीं हैं, बल्कि हर आम नागरिक के लिए एक चेतावनी भी हैं कि अब सिर्फ “चलता है” वाले रवैये से काम नहीं चलेगा। चाहे दुकान में कैश ले रहे हों या किसी को उधार दे रहे हों, हर बार ध्यान से नोट को जांचें।
यह भी जरूरी है कि हम अपने बच्चों, बुजुर्गों और गांव-देहात के लोगों को भी जागरूक करें जो शायद आज भी नकली नोट को पहचानने की जानकारी से दूर हैं। हर एक नागरिक अगर सचेत रहेगा, तो नकली नोटों की चेन को तोड़ा जा सकता है।
बाजार में 500 के नोट सबसे ज़्यादा चलन में हैं, ऐसे में इन्हें लेकर सतर्क रहना और भी ज़रूरी हो जाता है। नकली नोट सिर्फ आर्थिक नुकसान नहीं, बल्कि कानूनी पचड़े में भी डाल सकते हैं। इसलिए सही जानकारी और सावधानी ही असली सुरक्षा है।