RBI Report: आरबीआई की रिपोर्ट आई है और इसमें जो आंकड़े सामने आए हैं, वो वाकई चौंकाने वाले हैं। सोचिए, भारत का रिज़र्व बैंक अपने खजाने में कितना सोना जमा करके बैठा है। ये कोई आम आंकड़ा नहीं है, बल्कि इतना बड़ा है कि सुनकर ही किसी के भी होश उड़ जाएं। देश की इकॉनमी को मज़बूत रखने के लिए आरबीआई सालों से सोने को एक सुरक्षित निवेश के तौर पर जमा कर रहा है और अब इसका असर भी दिख रहा है।
जहां आम लोग सोने की बढ़ती कीमतों से परेशान रहते हैं, वहीं आरबीआई ने धीरे-धीरे करके ऐसा स्टॉक खड़ा कर लिया है जो दुनिया के बड़े-बड़े देशों को टक्कर देने लायक है। और मजे की बात ये है कि इसमें से बहुत बड़ा हिस्सा हाल ही में खरीदा गया है।
आरबीआई के खजाने में कितना सोना है
आरबीआई की साल 2025 की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, रिज़र्व बैंक के पास अब कुल 822.10 मीट्रिक टन सोना है। ये आंकड़ा हर साल बढ़ता ही जा रहा है। साल 2023-24 में भी आरबीआई ने सोने की खरीद में तेज़ी दिखाई थी और अब ये संख्या एक नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई है।
इसमें से करीब 400 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और BIS जैसे विदेशी बैंकों में जमा है जबकि बाकी का हिस्सा भारत में सुरक्षित रखा गया है। यानी सोना न सिर्फ घर में, बल्कि बाहर भी पूरी सिक्योरिटी के साथ रखा गया है। अब आप सोच रहे होंगे कि इसकी कीमत क्या होगी, तो चलिए आपको ये भी बताते हैं।
इस सोने की कीमत जानकर हैरान हो जाओगे
आरबीआई के पास जो 822.10 टन सोना है, उसकी मार्केट वैल्यू करीब 4.56 लाख करोड़ रुपये है। जी हां, लाखों करोड़। जब आम आदमी 10 ग्राम सोने के भाव को देखकर अपनी जेब का हिसाब करने लगता है, वहीं रिज़र्व बैंक इतने टन सोना लिए बैठा है कि उसकी कीमत का अंदाज़ा लगाना भी आसान नहीं है।
ये कीमत लगातार बदलती रहती है क्योंकि ग्लोबल मार्केट में सोने की वैल्यू ऊपर-नीचे होती रहती है। लेकिन एक बात तय है, कि सोना भारत की इकॉनोमिक पॉलिसी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। और जब भी वैश्विक बाज़ार में हलचल होती है, तब यही सोना देश के लिए एक सुरक्षा कवच बन जाता है।
क्यों करता है RBI इतना सोना इकट्ठा
अब आप सोच रहे होंगे कि RBI को क्या ज़रूरत है इतना सोना रखने की। दरअसल, जब भी देश को आर्थिक झटकों से बचाना होता है, तब सबसे मजबूत हथियार यही गोल्ड रिज़र्व बनता है। चाहे डॉलर में गिरावट हो या वैश्विक मंदी, सोना ऐसी संपत्ति है जिसकी वैल्यू गिरती नहीं है।
RBI इसे एक सेफ एसेट की तरह देखता है और यही वजह है कि हर साल इसका स्टॉक थोड़ा-थोड़ा बढ़ाया जा रहा है। ये देश की करेंसी की वैल्यू को भी बैक करता है और इंटरनेशनल लेवल पर भारत की फाइनेंशियल स्थिति को मज़बूत दिखाता है।
दुनिया के मुकाबले भारत कहां है
वैसे अगर हम दुनिया के दूसरे देशों से तुलना करें, तो अमेरिका, जर्मनी, इटली और फ्रांस जैसे देशों के पास हमसे कहीं ज़्यादा सोना है। अमेरिका के पास तो 8000 टन से ज़्यादा गोल्ड रिज़र्व है। लेकिन भारत का नाम भी अब टॉप 10 गोल्ड रिज़र्व देशों में आने लगा है।
पिछले कुछ सालों में भारत ने जिस रफ़्तार से गोल्ड खरीद बढ़ाई है, उसने दुनिया को दिखा दिया है कि हम भी अपनी इकॉनोमी को लेकर कितने सीरियस हैं। और अब जब विदेशी निवेशक भारत में भरोसा जता रहे हैं, तो इस गोल्ड रिज़र्व की अहमियत और भी बढ़ जाती है।
आगे क्या प्लान है RBI का
सूत्रों की मानें तो आरबीआई आने वाले वक्त में भी सोने की खरीद जारी रखेगा। अभी भी हर महीने इसकी खरीद होती है, हालांकि यह निर्भर करता है कि इंटरनेशनल मार्केट में सोने के दाम क्या हैं। इसके साथ ही RBI दूसरी विदेशी मुद्राओं में भी निवेश करता है ताकि बैलेंस बना रहे। लेकिन गोल्ड का रोल खास होता है क्योंकि ये संकट के समय भी मज़बूती से खड़ा रहता है। ऐसे में देश की जनता को भी भरोसा रहता है कि उनका भविष्य सुरक्षित हाथों में है।