Salary Hike

Salary Hike: आठवां वेतन आयोग लाएगा बड़ी खुशखबरी, नए फॉर्मूले से बढ़ेगी सैलरी, 16560 रुपये तक बढ़ सकता है न्यूनतम वेतन

Salary Hike: अबकी बार सैलरी बढ़ने की जो खबर आई है, वो सुनकर हर सरकारी कर्मचारी के चेहरे पर मुस्कान आ जाएगी। आठवें वेतन आयोग की तैयारियां ज़ोरों पर हैं और नई रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें ऐसा फॉर्मूला सामने आया है जिससे न्यूनतम वेतन में सीधा 16560 रुपये तक का इजाफा हो सकता है। यानी, सीधे-सीधे जेब में ज्यादा पैसा और घर का बजट थोड़ा और आसान।

ये जो सैलरी बढ़ने की चर्चा है, वो अब सिर्फ अफ़वाह नहीं रही। कर्मचारियों की यूनियन से लेकर मंत्रालय तक, सब इस पर काम में जुटे हैं। सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार के अफसरों और कर्मचारियों की बेसिक सैलरी को लेकर एक नया स्ट्रक्चर तैयार हो रहा है, जिसमें फिटमेंट फैक्टर को 3.68 तक बढ़ाने की बात सामने आई है। अब यही फैक्टर इस पूरे खेल का सबसे बड़ा हिस्सा है।

क्या है फिटमेंट फैक्टर और कैसे बढ़ेगी सैलरी

फिटमेंट फैक्टर वो आधार होता है, जिससे यह तय किया जाता है कि बेसिक सैलरी कितनी बढ़ेगी। अभी ये फैक्टर 2.57 है, लेकिन आठवें वेतन आयोग में इसे बढ़ाकर 3.68 करने का सुझाव है। इसका सीधा मतलब ये है कि जिनकी मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, उनकी नई सैलरी 26,560 रुपये तक पहुंच सकती है।

सरकारी नौकरी में काम करने वाले कर्मचारी इसे लेकर बहुत दिनों से उम्मीद लगाए बैठे थे। अब जब रिपोर्ट सामने आई है तो एक नयी उम्मीद जगी है। इससे न सिर्फ जेब भारी होगी बल्कि कर्मचारियों की लाइफस्टाइल में भी सुधार आएगा।

कब लागू हो सकता है नया वेतन आयोग

अभी तक इसकी कोई पक्की तारीख सामने नहीं आई है, लेकिन जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार इसे 2026 से लागू किया जा सकता है। सातवां वेतन आयोग 2016 में लागू हुआ था, और अब आठवां वेतन आयोग उसके दस साल बाद लाया जा रहा है। यानी 2026 एक संभावित समय है जब यह नई सैलरी व्यवस्था लागू हो सकती है।

लेकिन तैयारी अभी से चल रही है। विशेषज्ञों की टीम गठित की जा रही है, जो हर स्तर पर वेतन को लेकर समीक्षा कर रही है। कर्मचारियों की डिमांड को ध्यान में रखते हुए यह तय किया जा रहा है कि किस रैंक और पोस्ट पर कितनी बढ़ोतरी दी जाए।

कर्मचारियों की यूनियन क्या कह रही है

कर्मचारी संगठनों का कहना है कि महंगाई के इस दौर में पुराना वेतन स्ट्रक्चर अब काम का नहीं रहा। रोज़मर्रा की चीज़ें महंगी हो गई हैं, बच्चों की पढ़ाई, मेडिकल खर्च और बाकी जरूरतें सब पर असर पड़ा है। ऐसे में अगर सरकार सही समय पर यह सुधार करती है तो कर्मचारियों को बहुत राहत मिलेगी।

यूनियन की तरफ से यह भी कहा गया है कि सिर्फ वेतन नहीं, बल्कि पेंशन और अन्य भत्तों पर भी ध्यान दिया जाए। अभी बातचीत शुरुआती दौर में है लेकिन सभी को उम्मीद है कि जल्द ही इसका कोई पुख्ता रूप सामने आएगा।

केंद्र सरकार का नजरिया और आगे की दिशा

केंद्र सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है लेकिन अंदरूनी स्तर पर काम ज़रूर हो रहा है। वित्त मंत्रालय और डीओपीटी (कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग) इस दिशा में गंभीरता से विचार कर रहे हैं। सरकार इस बार की सैलरी स्ट्रक्चर को ज्यादा पारदर्शी और स्थायी बनाना चाहती है ताकि हर कर्मचारी को उसकी मेहनत के हिसाब से न्याय मिल सके। इसके लिए डिजिटल डेटा और इन्फ्लेशन इंडेक्स का सहारा लिया जा रहा है ताकि एक फेयर सिस्टम लागू हो सके।

असर सिर्फ केंद्र पर नहीं, राज्य भी होंगे प्रभावित

अगर केंद्र सरकार आठवां वेतन आयोग लागू करती है तो इसका सीधा असर राज्यों पर भी पड़ेगा। क्योंकि ज्यादातर राज्य भी अपने कर्मियों की सैलरी केंद्र के मुताबिक ही तय करते हैं। यानी, ये बदलाव सिर्फ कुछ लाख लोगों का नहीं बल्कि करोड़ों परिवारों के जीवन को प्रभावित करेगा।

राज्यों में पहले ही यह चर्चा शुरू हो गई है और कई जगहों पर कर्मचारियों के संगठन एक्टिव हो गए हैं। ये सभी चाहते हैं कि केंद्र की तरह राज्य भी इसी मॉडल को अपनाएं ताकि किसी भी स्तर पर भेदभाव न हो।

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