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सीनियर सिटीजन की मौज, 5 साल की FD पर बैंकों ने किया बंपर ब्याज का ऐलान: Bank FD

Bank FD: सीनियर सिटीजन को पैसों की चिंता सबसे ज़्यादा होती है, क्योंकि रिटायरमेंट के बाद कमाई के रास्ते बंद हो जाते हैं और खर्चे कम नहीं होते। लेकिन अब उनके लिए राहत भरी खबर सामने आई है। देश के कई बड़े बैंकों ने 5 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) स्कीम पर सीनियर सिटीजन को बंपर ब्याज देने का ऐलान किया है।

इस समय जब बाजार में निवेश के दूसरे विकल्प जोखिम से भरे हैं, ऐसे में फिक्स्ड डिपॉजिट सीनियर सिटीजन के लिए सबसे सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प बनकर उभरा है। सरकार और बैंक दोनों ने मिलकर यह सुनिश्चित किया है कि बुजुर्गों को उनकी जमा पूंजी पर अच्छा रिटर्न मिले और वे आत्मनिर्भर बने रहें।

 

किन बैंकों ने बढ़ाई ब्याज दरें

भारतीय स्टेट बैंक (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक जैसे सरकारी बैंकों ने सीनियर सिटीजन के लिए 5 साल की एफडी पर 7.25% से लेकर 7.75% तक ब्याज देने की घोषणा की है।

SBI की ‘WeCare’ स्कीम के तहत बुजुर्गों को अब 7.5% का ब्याज मिल रहा है, जबकि PNB और BOB ने भी 7.3% से ऊपर की दरें तय की हैं। यह ब्याज दरें सामान्य खाताधारकों की तुलना में 0.50% अधिक हैं, जो कि सीधे सीनियर सिटीजन को अतिरिक्त लाभ देती हैं। इससे यह साबित होता है कि बैंकों ने अब बुजुर्गों के लिए स्पेशल स्कीमों को प्राथमिकता देना शुरू कर दिया है।

ब्याज दरों का लाभ कैसे मिलता है

जब कोई बुजुर्ग व्यक्ति 5 साल की एफडी कराता है, और उस पर 7.5% की ब्याज दर लागू होती है, तो ₹1 लाख की एफडी पर उसे मेच्योरिटी पर करीब ₹1.45 लाख तक मिलते हैं। यह रिटर्न न सिर्फ सेफ है, बल्कि एक तय समय पर मिलने वाला गारंटीड अमाउंट होता है, जो सीनियर सिटीजन को मानसिक और आर्थिक राहत देता है।

 

अगर वे चाहें तो मासिक ब्याज विकल्प का भी चुनाव कर सकते हैं, जिससे हर महीने एक तय रकम उनके खाते में जमा होती रहेगी। यह सुविधा उन बुजुर्गों के लिए बहुत फायदेमंद होती है जिनकी मासिक जरूरतें पेंशन या अन्य आय स्रोत से पूरी नहीं हो पातीं।

टैक्स और फॉर्म 15H से जुड़े फायदे

एफडी पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल इनकम में आता है, लेकिन सीनियर सिटीजन के लिए सरकार ने अलग छूट दी है। अगर किसी बुजुर्ग की कुल सालाना आय टैक्स सीमा से कम है, तो वो फॉर्म 15H भरकर टैक्स से छूट पा सकते हैं।

इससे बैंक उनकी एफडी पर टीडीएस (TDS) नहीं काटता, और पूरा ब्याज उनके खाते में पहुंचता है। यह सुविधा बुजुर्गों के लिए बहुत जरूरी और लाभकारी है, खासकर तब जब उन्हें हर रुपये की जरूरत होती है।

सरकार और बैंकों की पहल का असर

सरकार ने भी यह महसूस किया है कि रिटायरमेंट के बाद बुजुर्गों को सुरक्षित निवेश की जरूरत होती है। इसी वजह से बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे सीनियर सिटीजन के लिए विशेष ब्याज दरें और स्कीमें चलाएं।

बैंक अब डिजिटल और ऑफलाइन दोनों तरीकों से सीनियर सिटीजन को जानकारी दे रहे हैं ताकि वे समय पर इस स्कीम का फायदा उठा सकें। कई बैंक मोबाइल ऐप और वेबसाइट पर भी सीनियर फ्रेंडली विकल्प ला चुके हैं ताकि बुजुर्ग तकनीकी सुविधा का लाभ भी ले सकें।

भविष्य की योजना के लिए सही समय

अगर कोई सीनियर सिटीजन इस समय एफडी करने की सोच रहा है, तो ये समय बेहद अनुकूल है। ब्याज दरें अभी ऊंची हैं और बाजार स्थिरता की ओर बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में एफडी कराना न केवल समझदारी है बल्कि एक सुरक्षित निवेश निर्णय भी है।

विशेषज्ञ भी यही सलाह दे रहे हैं कि बुजुर्ग अपनी जमा पूंजी का बड़ा हिस्सा एफडी में लगाएं और उसमें भी 5 साल जैसी लंबी अवधि को चुनें जिससे अधिक ब्याज और सुरक्षा दोनों मिल सकें। आने वाले समय में अगर ब्याज दरें घटती हैं तो अभी की गई एफडी से मिला फायदा और भी मूल्यवान साबित होगा।

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