Electricity Bill

बिजली बिल में बचत चाहिए? जानिए विंडो और स्प्लिट एसी में कौन खपत करता है ज्यादा बिजली Electricity Bill

Electricity Bill: गर्मी का मौसम आते ही सबसे पहले लोगों को जिस चीज की याद आती है, वो है एसी यानी एयर कंडीशनर। लेकिन साथ ही एक डर भी मन में बैठ जाता है – बिजली का बिल। एसी तो सबको ठंडक चाहिए, लेकिन बिल भारी न आ जाए, यही चिंता सबसे बड़ी होती है। बहुत से लोग सोचते हैं कि स्प्लिट एसी ज्यादा बिजली खपत करता है, कुछ का मानना होता है कि विंडो एसी ज्यादा खाता है। मगर सच्चाई इससे थोड़ी अलग और तकनीकी है। अगर आप भी एसी खरीदने या बदलने की सोच रहे हैं, तो इस लेख को ध्यान से पढ़ें क्योंकि इसमें हम बताएंगे कि कौन सा एसी बिजली का ज्यादा बिल बढ़ाता है और क्यों।

स्प्लिट एसी की बिजली खपत को लेकर सच्चाई

स्प्लिट एसी देखने में जितना बड़ा और स्टाइलिश लगता है, उसका सिस्टम भी उतना ही अलग होता है। इसमें दो यूनिट होती हैं – एक अंदर और एक बाहर। इसकी तकनीक विंडो एसी से थोड़ी एडवांस होती है, जिससे कूलिंग भी बेहतर होती है। लेकिन कई लोग यही मानते हैं कि ज्यादा कूलिंग मतलब ज्यादा बिजली खपत। जबकि सच्चाई ये है कि आज के समय में स्प्लिट एसी में इन्वर्टर टेक्नोलॉजी आती है, जो कंप्रेसर को जरूरत के अनुसार चालू और बंद करती रहती है।

इस वजह से जब रूम एक बार ठंडा हो जाता है, तो स्प्लिट एसी कम बिजली में ही चलता है। खासकर अगर 5 स्टार रेटिंग वाला इन्वर्टर एसी है, तो वह लंबी अवधि में काफी बिजली की बचत करता है। हालांकि, इसकी इंस्टॉलेशन लागत विंडो एसी से थोड़ी ज्यादा होती है और इसकी सर्विसिंग में भी समय लगता है। लेकिन अगर आपकी प्राथमिकता बिजली बचाना है, तो इन्वर्टर स्प्लिट एसी एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

विंडो एसी की खपत और उसके फायदे-नुकसान

विंडो एसी काफी समय से भारतीय घरों में लोकप्रिय रहा है, खासकर उन लोगों के बीच जिनका बजट सीमित होता है। इसकी एक यूनिट होती है जो खिड़की में फिट होती है और इंस्टॉलेशन में भी ज्यादा झंझट नहीं होता। लेकिन जब बात बिजली खपत की आती है, तो विंडो एसी आमतौर पर स्प्लिट एसी से ज्यादा यूनिट्स खपत करता है।

इसका कारण है कि विंडो एसी की तकनीक अपेक्षाकृत पुरानी होती है और इसमें इन्वर्टर जैसी आधुनिक सुविधा नहीं होती। कंप्रेसर लगातार एक जैसा चलता है और इससे बिजली का उपयोग ज्यादा होता है। अगर आप 2-3 घंटे के लिए ही एसी चलाते हैं तो विंडो एसी बेहतर हो सकता है, लेकिन लंबे समय के इस्तेमाल में यह आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है।

बिजली बिल की तुलना – स्प्लिट बनाम विंडो

अगर तकनीकी आंकड़ों की बात करें तो 1.5 टन के 5 स्टार रेटिंग वाले स्प्लिट इन्वर्टर एसी की सालाना बिजली खपत लगभग 800 से 1000 यूनिट्स के बीच होती है, वहीं समान क्षमता के विंडो एसी की खपत करीब 1200 से 1400 यूनिट्स तक जाती है। अब अगर आप प्रति यूनिट ₹8 मान लें तो यह अंतर ₹3200 से ₹4000 सालाना तक हो सकता है।

यह फर्क तब और भी बढ़ जाता है जब एसी रोज 8-10 घंटे तक चलता है और वह भी गर्मी के पूरे सीजन में। कई मिडिल क्लास घरों में महीने का बिल एसी की वजह से ₹4000 से ऊपर चला जाता है, जबकि सही टेक्नोलॉजी वाला एसी इस्तेमाल करके आप यह खर्च काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं। इसलिए केवल कीमत देखकर एसी खरीदना समझदारी नहीं है, उसके साथ-साथ उसकी बिजली खपत भी देखना जरूरी है।

किसे चुनें – आपका इस्तेमाल बताएगा रास्ता

अब सवाल आता है कि आपको कौन सा एसी लेना चाहिए। इसका जवाब सीधा है – आपका इस्तेमाल कितना है, वह तय करेगा कि कौन सा एसी आपके लिए सही रहेगा। अगर आप किसी किराये के फ्लैट में रहते हैं और कभी-कभार ही एसी चलाते हैं, तो विंडो एसी आपके लिए किफायती साबित हो सकता है।

लेकिन अगर आप रोज 6-8 घंटे या उससे ज्यादा एसी इस्तेमाल करते हैं और बिजली बिल की चिंता रहती है, तो स्प्लिट एसी खासकर इन्वर्टर टेक्नोलॉजी वाला लेना ही समझदारी है। यह शुरुआत में थोड़ा महंगा लगेगा, लेकिन 1-2 साल में उसकी लागत बिजली के कम बिल से पूरी हो जाती है। साथ ही यह भी ध्यान दें कि रूम साइज, एसी की टन क्षमता और स्टार रेटिंग भी आपके बिजली बिल को प्रभावित करते हैं।

👉 यह जानकारी अपने दोस्तों और परिवार में जरूर शेयर करें, ताकि वे भी सही एसी खरीदें और बिजली के बढ़ते बिल से बच सकें।

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