UP News – यूपी के लाखों कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी हैं. दरअसल आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) का गठन कर सकती है, जिससे प्रदेश के लगभग 8 लाख सरकारी कर्मचारियों और 4 लाख पेंशनभोगियों को सीधा फायदा मिलेगा… इसके चलते कर्मचारियों की सैलरी 18 हजार से बढ़कर 34 हजार के पार हो जाएगी-
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने केंद्र की राह पर चलते हुए अपने कर्मचारियों (employees) और पेंशनभोगियों (pensioners update) के लिए आठवें वेतन आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके तहत, सरकार ने विभिन्न कर्मचारी संगठनों से सुझाव मांगे हैं. इन सुझावों को एकत्र करने के बाद, यूपी सरकार उन्हें केंद्र सरकार को भेजेगी.
केंद्र सरकार विभिन्न राज्यों से प्राप्त सुझावों का आकलन करेगी और उनके आधार पर राज्यों के लिए नए वेतनमान संबंधी दिशा-निर्देश जारी करेगी, जिससे कर्मचारियों को संभावित रूप से बढ़े हुए वेतन और पेंशन का लाभ मिल सकेगा.
केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों (central employees) और पेंशनभोगियों (pensioners) के लिए आठवें वेतन आयोग का गठन कर दिया है. उम्मीद है कि आयोग की सिफारिशों के आधार पर जनवरी 2026 से इसे लागू किया जा सकता है. विभिन्न कर्मचारी संगठन 2.86 के फिटमेंट फैक्टर (fitment factor) के हिसाब से वेतन वृद्धि की मांग कर रहे हैं, जिससे न्यूनतम मासिक वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये होने की संभावना है. यह केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है.
यूपी के 12 लाख कर्मचारी और पेंशनर्स को फायदा-
उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही आठवें वेतन आयोग (8th pay commission) का गठन कर सकती है, जिससे प्रदेश के लगभग 8 लाख सरकारी कर्मचारियों और 4 लाख पेंशनभोगियों (pensioners) को सीधा फायदा मिलेगा। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार द्वारा आठवें वेतनमान की घोषणा के तुरंत बाद ही यूपी सरकार भी इसे लागू कर सकती है। गौरतलब है कि सातवें वेतन आयोग (7th pay commission latest news) के मामले में भी केंद्र के लागू करने के 6 महीने के भीतर ही राज्य कर्मचारियों को इसका लाभ मिल गया था।
भविष्य में प्रमोशन और भत्तों पर भी असर पड़ेगा
आठवें वेतन आयोग के लागू होने से न केवल बेसिक सैलरी बढ़ेगी, बल्कि कर्मचारियों को मिलने वाले अन्य भत्तों जैसे डीए (महंगाई भत्ता), एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस) और ट्रैवल अलाउंस पर भी सीधा असर पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि जब न्यूनतम वेतन 34 हजार के पार जाएगा तो उसी अनुपात में प्रमोशन पर मिलने वाली सैलरी ग्रोथ और रिटायरमेंट के समय मिलने वाला ग्रेच्युटी और पेंशन अमाउंट भी बढ़ जाएगा। इससे राज्य के लाखों कर्मचारियों को लंबे समय तक आर्थिक लाभ मिलेगा और उनकी वित्तीय स्थिरता मजबूत होगी।